वृक्क में असंख्य छोटी-छोटी नलिकाएँ होती हैं। ये क्या हैं? इनकी रचना क्या है?
उत्तर- वृक्क में अनेक छोटी-छोटी कुंडलित नलिकाएँ होती हैं जिनको वृक्काणु या नेफ्रॉन कहते हैं ये ही वे सूक्ष्म उत्सर्जन इकाइयाँ हैं जिनमें मूत्र-निर्माण होता है। नेफ्रॉन का अग्र सिरा प्यालानुमा होता है जिससे बोमैन-संपुट (Bowman's capsule) कहते हैं और इसमें केशिकागुच्छ स्थित होता है। नेफ्रॉन का दूसरा सिरा मूत्रवाहिनी में खुलता है। दोनों सिरों के बीच की नलिका कुंडलित होती है और रुधिर केशिकाओं के घने जाल से आच्छादित रहती है।