Manushy ke utsarjan tantra ke vishay mei sakshep mei likhen
मनुष्य के उत्सर्जन-तंत्र के विषय में संक्षेप में लिखें।
उत्तर- मनुष्य में एक जोड़ा वृक्क होता है जो महत्त्वपूर्ण उत्सर्जी अंग है। प्रत्येक वृक्क के हाइलम से एक मूत्रवाहिनी निकलती है। प्रत्येक मूत्रवाहिनी पीछे की ओर मूत्राशय में खुलती है। मूत्राशय नाशपाती के आकार की पतली दीवारवाली एक थैलीनुमा रचना है, जो उदरगुहा के पिछले भाग में रेक्टम के नीचे स्थित होती है। मूत्राशय के पिछले भाग से एक नली जिसे मूत्रमार्ग कहते हैं, निकलती है। मूत्रमार्ग मूत्रद्वार के द्वारा शरीर से बाहर खुलता है।