डायलिसिस सिद्धांत क्या है ?
उत्तर- कभी-कभी संक्रमण या उचित रुधिर आपूर्ति न होने या अन्य कारणों से वृक्क क्षतिग्रस्त होकर कार्य करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में रुधिर से उत्सर्जी पदार्थों को छानने तथा जल एवं लवणों के उचित मात्रा के संतुलन के लिए कृत्रिम वृक्क का व्यवहार करना पड़ता है। यह विधि डायलिसिस (dialysis) कहलाता है। इस विधि में मरीज के रुधिर को क्षतिग्रस्त वृक्क के बजाय डायलिसिस मशीन में प्रवाहित किया जाता है। इस मशीन में रुधिर से उत्सर्जी पदार्थों को अलग करके फिर उसे शरीर में वापस पंप कर दिया जाता है।