. अन्न तथा भस्म की जल से अभिक्रिया
अम्ल को जल में घुलाने पर ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे यह अमाणि होता है कि अम्ल तथा जल के बीच ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया होती है।
कार्यकलाप
एक थर्मामीटर के बल्ब को जल में डुबाएँ तथा भींगे हुए थर्मामीटर के बल्ब को HCI गैस से भरे जार में ले जाएँ। थर्मामीटर में पारा उठने लगता है। वस्तुतः HCI गैस जल में निम्न रूप से आयनित, होकर ऊष्मा प्रदान करती है।
HCl + H2O
H3O+ + Cl + ऊष्मा
इसी प्रकार अन्य अम्ल भी प्रदान करते हैं। जल में आयनित होकर ऊष्मा
HNO3 + H2O
H3O+ + NO3 + ऊष्मा
H2SO4 + H2O → H3O+ + SO2 + ऊष्मा सांद्र HNO3 या सांद्र H₂SO₄ को जल के साथ मिश्रित करने पर अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे अम्ल छलक कर बाहर आ जाता है तथा परखनली अत्यधिक ऊष्मा से टूट जाती है। अतः, सांद्र H₂SO₄ अम्ल को तनु करते समय सावधानीपूर्वक सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की थोड़ी-थोड़ी मात्रा जल में डाली जाती है। सांद्र H₂SO₄ में जल कभी न डालें।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड की छोटी गोली (pellet) को जल में मिश्रित करने पर ऊष्मा उत्पन्न होती है।
NaOH H₂O → Na+ + OH + ऊष्मा
