उत्तर- यदि कोई व्यक्ति रोग से पीड़ित है और उचित उपचार के पश्चात् रोग से छुटकारा पा जाता है, फिर भी रोग होने के कारण निम्न हानिप्रद प्रभाव होते हैं-
(i) यदि व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसकी शारीरिक क्रियाओं को बहुत हानि होती है और वे पूर्णतः सुचारु नहीं हो पातीं।
(ii) उपचार में लंबा समय लगता है और उसे काफी समय तक विस्तार पर आराम करना पड़ता है।
(iii) पीड़ित व्यक्ति, यदि संक्रमित है तो संक्रमण अन्य व्यक्तियों तक फैला सकता है। इसीलिए कहा गया है कि निवारण रोग के उपचार से बेहतर है। (Prevention is better than cure.)