चयनात्मक पुनरावशोषण (Selective Reabsorption) :–
ग्लोमेरूलस द्वारा छने हुए पदार्थ बोमैन्स कैप्सूल में आ जाते हैं और मूत्र संग्राहक नली में आगे बढ़ते हैं। मूत्र संग्राहक नलिका की दीवारों पर एपीथिलियम ऊतक के स्तर पाये जाते हैं। ग्लोमेरूलस निस्पंद में उत्सर्जन योग्य पदार्थों के साथ सम्मिलित उपयोगी पदार्थ विसरण क्रिया द्वारा एपीथीलियम ऊतकों में अवशोषित हो जाते हैं परन्तु उत्सर्जन योग्य पदार्थ हेनेल्स लूप से आगे बढ़ते हैं। मूत्र संग्राहक नलिका एवं एपीथीलियम स्तरों में रक्त केशिकाओं का जाल पाया जाता है जो सम्पूर्ण हेनेल्स लूप तक फैला होता है। एपीथीलियम ऊतकों में विसरित पदार्थ इनके केशिकाओं के रक्त में चले जाते हैं। इस सम्पूर्ण क्रिया को चयनात्मक पुनरावशोषण कहते हैं।