मनुष्य में वृक्क तथा उससे संबद्ध उत्सर्जी अंगों का वर्णन व करें।
उत्तर- मनुष्य न में मैं वृक्क प्रमुख उत्सर्जी अंग है। उससे संबद्ध उत्सर्जी अंग मूत्र वाहिनी, मूत्राशय तथा मूत्र मार्ग है। मनुष्य में एक जोड़ा वृक्क होता है। प्रत्येक वृक्क उदर गुहा की पृष्ठीय देहभित्ति से सटे हुए कशेरुकदण्ड के दोनों ओर स्थित होते हैं। बायाँ वृक्क दायें वृक्क की अपेक्षा कुछ ऊपर स्थित होता है। प्रत्येक वृक्क ठोस, गहरे भूरे-लाल रंग का होता है तथा इसका आकार सेम के बीज के समान होता है। यह लगभग 10 सेमी लम्बा, 5-6 सेमी० चौड़ा तथा 2.5 से 4 सेमी० मोटा होता है। वृक्क की बाहरी सतह उन्नतोदर तथा भीतरी सतह नतोदर होती है।
प्रत्येक वृक्क की भीतरी नतोदर सतह जाइलम कहलाती है। इसी जगह से वृक्क धमनी वृक्क में प्रवेश करती है तथा वृक्क शिरा बाह्य निकलती है। वृक्क के जाइलम से एक मूत्रवाहिनी निकलती है। मूत्रवाहिनी का शीर्ष भाग मोटा होता है। प्रत्येक मूत्रवाहिनी पीछे की ओर मूत्राशय में खुलती है। मूत्राशय नाशपाती की आकार की पतली दीवार वाली एक थैलीनुमा रचना है। जो उदर गुहा के पिछले भाग में रेक्टम के नीचे स्थित होता है। मूत्राशय के पिछले भाग से नली निकलती है जिसे मूत्र मार्ग कहते हैं। निकलती हुई मूत्र मार्ग मूत्रद्वार के द्वारा शरीर से बाहर खुलता है। इस तरह मानव के विभिन्न उत्सर्जी अंग की संरचना होती है।