अम्ल-भस्म अभिक्रिया

Satyam yadav
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 अम्ल-भस्म अभिक्रिया


अम्ल और भस्म की अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण तथा जल बनते हैं। जैसे-


NaOH + HCI ← NaCl + सोडियम हाइड्रॉक्साइड हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सोडियम क्लोराइड (नमक) H₂O जल


इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहा जाता है। उदासीनीकरण की प्रक्रिया को नीचे दिए गए कार्यकलाप से समझा जा सकता है।

कार्यकलाप

एक परखनली में 2 mL तनु NaOH का विलयन लें तथा इस विलयन में 2 बूंद फिनॉल्फ्थैलीन सूचक डालें। विलयन का रंग गुलाबी हो जाता है। इस विलयन में ड्रॉपर (dropper) की सहायता से बूंद-बूंद कर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालें। अम्ल तबतक डालते रहें जबतक कि विलयन का गुलाबी रंग लुप्त न हो जाए। यह रंगहीन विलयन उदासीन होता है। अब रंगहीन विलयन में NaOH विलयन की एक बूँद डालें। विलयन का रंग पुनः गुलाबी हो जाता है। NaOH विलयन की एक बूँद डालने से विलयन क्षारीय हो जाता है।

7. धातु के ऑक्साइड की अम्ल से अभिक्रिया धातु के ऑक्साइड मूलतः भस्म होते हैं तथा अम्ल से अभिक्रिया कर लवण तथा जल बनाते हैं।

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