उत्तर- कृत्रिम वीर्य सेवन के लाभ निम्नलिखित हैं-
(i) इस विधि से अधिक उत्पादन वाले उच्च नस्लों के पशुओं (जैसे-दुधारू गाय-भैंस, मुर्गियाँ) का विकास होता है।
(ii) पशुओं के प्रजनन की यह एक सस्ती विधि है। जैसे एक साँढ़ के वीर्य से करीब 3000 गायों को निषेचित किया जा सकता है।
(iii) परिरक्षित वर्ग को सुगमता से दूसरे सुदूर स्थानों पर ले जाया जा सकता है।
(iv) यह ज्यादा स्वास्थ्यकर तथा भरोसे योग्य विधि है।
(v) इस विधि के द्वारा उन्नत नस्ल का परिरक्षित वीर्य सालोंभर हर जगह उपलब्ध हो सकते हैं।
(vi) इसके द्वारा विदेशों से उन्नत नस्लों के वीर्य आयात कर देशी किस्मों के पशुओं के नस्ल का सुधार किया जाता है।

