उत्तर- दुधारू पशुओं को रोगाणुओं से होने वाले प्रमुख रोग हैं- (i) खुर एवं मुँह के रोग (ii) चेचक (iii) क्षयरोग (iv) एंथ्रेक्स (v) रिंगवर्म।
उपर्युक्त रोगों के लक्षण इस प्रकार हैं-
(i) खून एवं मुँह के रोग वायरस द्वारा फैलते हैं। इसके अन्तर्गत खुर एवं मुँह में छाले, अधिक लार का बनना, भूख न होना, सुस्ती, उच्च ज्वर के साथ कंपकपी इत्यादि लक्षण होते हैं।
(ii) चेचक भी वायरस द्वारा दुधारू पशुओं में होते हैं। इसके अन्तर्गत शरीर पर छोटे-छोटे दाने तथा उच्च ज्वर इसके प्रमुख लक्षण हैं।
(iii) क्षयरोग बैक्टीरिया द्वारा दुधारू पशुओं में होते हैं। इसके अन्तर्गत धन, हाथ, फेफड़ा संक्रमित होते हैं। साथ-ही-साथ ज्वर इत्यादि भी दुधारू पशुओं में इसके लक्षण होते हैं।
(iv) एंथ्रेक्स भी बैक्टीरिया द्वारा दुधारू पशुओं में होने वाले रोग हैं। इसके अन्तर्गत पशुओं का शरीर फूल जाता है, बुखार रहता है तथा दूध में कमी हो जाती है।
(v)रिंगवर्म कवक द्वारा दुधारू पशुओं में फैलते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में दुधारू पशुओं में खुजली का पाया जाना है।

