उत्तर ⇒ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति होने पर - इसमें ईसन का
पूर्ण दहन होता है। इसमें निर्मित ज्वाला का रंग नीला होता है, किंतु प्रकाश बहुत कम होता है। इसीलिए इसे प्रकाशहीन (अप्रदीप्त) ज्वाला (nonluminous flame) कहते हैं।
उदाहरण - बत्ती वाले स्टोव (wick stove) में किरोसिन जलाकर ज्वाला उत्पन्न की जाती है। यह ज्वाला प्रकाशहीन (अप्रदीप्त) होती है। इसका कारण यह है कि स्टोव की बत्ती सछिद्र पर्दे से घिरी रहती है। पर्दे के छिद्रों से होकर बत्ती के निकट वायु प्रवेश करती है जिससे किरोसिन के वाष्प में पर्याप्त ऑक्सीजन मिश्रित हो जाता है। अतः, किरोसिन का पूर्ण दहन होने से स्टोव में उत्पन्न ज्वाला प्रकाशहीन होती है।
(ii) ऑक्सीजन की अपर्याप्त आपूर्ति होने पर - इसमें ईंधन का पूर्ण दहन नहीं हो पाता है। इसमें उत्पन्न ज्वाला का रंग पीला होता है, क्योंकि ईंधन के अपूर्ण दहन से उसके वाष्प में बिना जले हुए कार्बन के कण मिश्रित हो जाते हैं, जो तप्त होकर चमकने लगते हैं। इस ज्वाला से पीले रंग का प्रकाश निकलता है। इसीलिए इस ज्वाला को प्रकाशमान (प्रदीप्त) (luminous flame) कहा