उत्तर 👉 उभय-विस्थापन अभिक्रिया (double-displacement reaction) में दो यौगिक अपने आयनों का विनिमय (exchange) या आदान-प्रदान करके दो नए यौगिक का निर्माण करते हैं। ऐसी अभिक्रियाओं को सामान्य समीकरण द्वारा निरूपित किया जा सकता है,
XY + AB → XB + AY इसमें X और A धनायन हैं तथा Y और B ऋणायन हैं। ऐसी अभिक्रियाएँ आयनिक यौगिकों के साथ होती हैं।
उदाहरण (i) सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में सोडियम क्लोराइड का विलयन डालने पर सिल्वर क्लोराइड और सोडियम नाइट्रेट बनते हैं। सिल्वर क्लोराइड सफेद अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है।
NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3 या, NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(ii) जब बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) के विलयन को सोडियम सल्फेट (Na₂SO₄) के विलयन में डाला जाता है तब बेरियम सल्फेट (BaSO4) का सफेद अवक्षेप और सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनते हैं। सोडियम क्लोराइड विलयन में ही रह जाता है।
BaCl + Na₂SO₄ → BaSO4↓ + 2NaCl
