दुग्ध उत्पादन करने वाले जंतुओं को किस प्रकार का भोजन देना चाहिए?
Ans : ऑक्सीटोसिन के टीका का प्रयोग आजकल अधिक किया जा रहा है लेकिन यह अनुचित है। इस टीके का प्रयोग केवल उन पशुओं में किया जाना चाहिए जिनमें : दुग्ध दोहन" की प्रक्रिया समुचित न हों। यह कठिनाई अधिकतर भैंसों में होती है। इन टीकों के अधिक प्रयोग से अयन की कोशिकाओं की संरचना भी प्रभावित हो सकती है। पशु को दुहते समय उसे प्यार से सहलाते हुए तनाव रहित परिस्थतियों में दुहना चाहिए ताकि पशु के अंदर से ही ऑक्सीटोसिन हार्मोन का सामान्य प्राक्रतिक संचार हो सके तथा पशु से अधिक से अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। पशु के आसपास का वातावरण शांत, स्वस्छ तथा अनुकूल होना चाहिए । ऑक्सीटोसिन हार्मोन का प्रयोग केवल पशु-चिकित्सक की सलाह पर ही उपयुक्त मात्रा) 1 आई. यु.) में करना चाहिए।
ऑक्सीटोसिन हार्मोन के बार-बार लगने पर पशु की प्रजनन एवं दुग्ध उत्पादन क्षमता, मुख्यतया भैंसों में क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर अभी दीर्धकालीन शोध कार्य की आवश्यकता है।
क्या लंबी अवधि तक ऑक्सीटोसिन हार्मोन लगाने पर दुग्ध संघटन में आया परिवर्तन दूध की पोष्टिकता या पीने वाले मनुष्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं डाल रहा यह भी जानना जरुरी है।