उत्तर- रक्षी ऊतक पौधों के विभिन्न भागों की बाह्य परत पर स्थित होते हैं। यह कोशिका मोटी होती है और मोम जैसे पदार्थ क्यूटिन से ढँकी रहती है। रक्षी ऊतक पौधों के आंतरिक ऊतकों की रक्षा करते हैं।
रक्षी ऊतक की कोशिकाएँ रक्षा का कार्य करने के लिए विभिन्न रूपों में परिवर्तित हो जाती हैं। उदाहरण-प्याज की झिल्ली, कॉर्क। इन कोशिकाओं की कोशिका भित्ति सुबेरिन नामक कार्बनिक पदार्थ के एकत्र होने के कारण मोटी तथा जलरोधी हो जाती है।

