रंग-परिवर्तन

Satyam yadav
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 2. रंग-परिवर्तन - कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं में पदार्थों के

रंग में भी परिवर्तन होता है। उदाहरण- (i) पोटैशियम परमैगनेट के बैंगनी रंग के विलयन में थोड़ा-थोड़ा करके नींबू का रस निचोड़ने पर विलयन का बैंगनी रंग धीरे-धीरे गायब होने लगता है। (ii) पोटैशियम डाइक्रोमेट के अम्लीय विलयन का रंग नारंगी होता है। यदि इसमें सल्फर डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित की जाए तो विलयन का रंग नारंगी से हरा हो जाता है।

4. ताप में परिवर्तन - कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं के फलस्वरूप ताप में परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, यदि कली-चूना (quicklime) के एक ढेले पर जल गिराया जाए तो पर्याप्त मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है; जिससे अभिक्रिया-मिश्रण का ताप बहुत बढ़ जाता है। अतः, यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है। इसके विपरीत, एक परखनली में थोड़ा अमोनियम क्लोराइड लेकर उसमें बेरियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन डालने पर अभिक्रिया के फलस्वरूप बेरियम क्लोराइड, अमोनिया एवं जल बनते हैं। इस अभिक्रिया में अभिक्रिया-मिश्रण का ताप घट जाता है, जिससे परखनली को स्पर्श करने पर ठंडक महसूस होती है। अतः, यह अभिक्रिया ऊष्माशोषी होती है।

5. अवस्था में परिवर्तन-कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं के फलस्वरूप पदार्थों की अवस्था में भी परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, मोमबत्ती को जलाने पर मोम का कुछ भाग द्रवित होकर नीचे गिरता है और कुछ भाग वाष्प में परिवर्तित होकर जलता है। अतः, मोमबत्ती के जलने पर ठोस मोम द्रव और गैस में परिवर्तित होता है। मोमबत्ती का मोम जलकर कार्बन डाइऑक्साइड (गैस) और जल (द्रव) में परिवर्तित हो

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