नेत्र, अपने अंदर जानेवाले प्रकाश की मात्रा को किस प्रकार नियंत्रित करता है?
उत्तर :- परितारिका या आइरिस की सहायता से आँख के लेंस से हो कर जानेवाले प्रकाश के परिमाण को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। अंधेरे में परितारिका के बीच का छिद्र (अभिमुख) जिसे पुतली (pupil) कहते हैं, स्वतः फैल जाती है और तेज रोशनी में सिकुड़ता है। अतः कैमरा में जो काम (प्रकाश के परिमाण को नियंत्रित करना) डायफ्राम करता है, वही काम आँख में पुतली करता है। अतः आइरिस की सहायता से नेत्र के लेंस से होकर जानेवाले प्रकाश की मात्रा के द्वारा नित्रित होता है।