'भारतीय वन अधिनियम' का क्या उद्देश्य था?
उत्तर : अंग्रेजों ने 1865 में 'भारतीय वन अधिनियम पारित किया। इसका मुख्य उद्देश्य जंगल को लकड़ी उत्पादन से सुरक्षित करना था। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आदिवासियों के लिए पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया। फलतः आदिवासियों के आर्थिक और सामाजिक जीवन प्रभावित हुआ। वास्तव में अंग्रेजों का उद्देश्य वन क्षेत्र पर अधिकार जमाना था। भारतीय वन अधिनियम के अनुसार "वैज्ञानिक वानिकी" की शुरुआत की गई। शाही सेना के आवागमन तथा औपनिवेशिक व्यापार के लिए भारत में रेल लाइनों की जरूरत थी। रेल पटरियों के लिए लकड़ी की भारी मात्रा में जरूरत थी। इस दौरान बड़ी तादाद में पेड़ काटे गये। वैज्ञानिक वानिकी के नाम पर पेड़ों की कटाई और पशुओं को चराने जैसी गतिविधियों पर पाबन्दी लगा दी गई। इस अधिनियम में 1878 और 1927 में संशोधन कर वनों को आरक्षित, सुरक्षित एवं ग्रामीण तीन श्रेणियों में बाँट दिया गया।