हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार कार्य नहीं कर रहे हों| क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर:- पर्यावरण से सभी सूचनाओं का पता कुछ तंत्रिका कोशिकाओं के विशिष्टीकृत सिरों द्वारा लगाया जाता है| ये ग्राही प्रायः हमारी ज्ञानेन्द्रियों में स्थित होते हैं; जैसे- आन्तरिक कर्ण, नाक जिह्वा आदि | रस संवेदी ग्राही स्वाद का पता लगाते हैं जबकि घ्राणग्राही गंध का पता लगाते हैं।
जहाँ ग्राही उचित प्रकार कार्य नहीं करते हैं वहाँ सुनने, सूँघने तथा स्वाद संबंधी रस का पता नही चलता है।