विषैले तथा तीव्रनाशक (संक्षारक) अम्ल

Satyam yadav
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 विषैले तथा तीव्रनाशक (संक्षारक) अम्ल

कुछ अम्ल विषैले होते हैं यथा कार्बोलिक अम्ल (फिनॉल)। कुछ अम्ल संक्षारक (corrosive) व हानिकारक होते हैं यथा सल्फ्यूरिक अम्ल, जिसका उपयोग मोटर गाड़ी के बैटरी में बैटरी-अम्ल के रूप में किया जाता है तथा नाइट्रिक अम्ल, जिससे अनेक प्रकार के खाद एवं विस्फोटक बनाए जाते हैं।

हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का स्राव (secretion) होते रहता है, जो हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है। लेकिन पेट में उत्पन्न होनेवाले हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मात्रा सामान्य से अधिक होने पर पेट में अम्लीयता या गैस की शिकायत होती है। इसके उपचार हेतु प्रायः ऐंटासिड (antacid) का उपयोग किया जाता है। ऐंटासिड मूलतः क्षारीय होते हैं। जैसे-सोडियम बाइकार्बनिट, मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन आदि। घर में अगर नींबू, सिरका तथा खाने का सोडा हो तो पेट की अम्लीयता को कम करने के लिए खाने के सोडा का विलयन ही असरदार होगा। सोडियम बाइकार्बनिट हानिकारक नहीं होता, परंतु अन्य भस्म जैसे चूना-जल Ca(OH)₂ तथा Ba(OH)₂ विषैले तथा हानिकारक होते हैं। भस्म (NaOH, KOH) तीव्रनाशक होते हैं तथा चमड़े को जला देते हैं। टूथपेस्ट (toothpaste) भास्मिक प्रकृति का होता है जो हमारे मुँह में उपस्थित अम्ल को उदासीन करने में सक्षम होता है तथा दाँत की रक्षा करता है। शुक्र ग्रह (Venus) का वातावरण हल्के पीले सल्फ्यूरिक अम्ल के बादलों से घिरा होता है, अतः वेनस पर जीवन संभव नहीं हो सकता।


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