नेत्र के दो मुख्य दोषों के नाम लिखें। इनके उपचार के लिए किस प्रकार के लेंस व्यवहार में लाए जाते हैं ?

Anonymous
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 नेत्र के दो मुख्य दोषों के नाम लिखें। इनके उपचार के लिए किस प्रकार के लेंस व्यवहार में लाए जाते हैं ?


  उत्तर :- नेत्र के दो मुख्य दोषों के नाम ये हैं-

 1. निकट-दृष्टि दोष

2. दूर-दृष्टि दोष ।


  इनका पूर्ण वर्णन निम्नलिखित है-


 ★ (1) निकटदृष्टि दोष (Myopia):- नेत्रगोलक लंबा हो जाने के कारण नेत्र-लेंस बहुत दूरी (अनंत) पर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना के सामने बनाता है [चित्र ( इसलिए, दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ती है, किंतु निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई पड़ती है। अतः, इस दोष से युक्त आँख के लिए दूर-बिंदु निकटतर हो जाता है। इस दृष्टिदोष को निकटदृष्टि कहते हैं। अवतल लेंस किरणों को अपसारित करता है, इसलिए इस दृष्टिदोष को दूर करने के लिए उचित फोकस- दूरी का अवतल लेंस काम में लाया जाता है।    


  (2) दीर्घदृष्टि (Hypermetropia) :- इसमे नेत्रगोल छोटा होने के कारण आँख का लेंस निकट के वस्तुओं के प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनाता है और इसलिए आँख निकट के वस्तुओ को साफ- साफ नहीं देख पाती , किन्तु दूर के वस्तुओं को साफ-साफ देख सकती है | यह दृष्टिदोष दीर्घदृष्टि कहलाता है | इसमे निकट-बिंदु अधिक दूर हो जाता है | उत्तल लेंस किरणे को अभिसारी बनाता है, अत इस दोष को दूर करने के लिए उचित फोकस्संतर का उत्तल लेंस काम में लाया जाता है |

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