औपनिवेशिक साम्राज्यों का विकास

Satyam yadav
0

 2) औपनिवेशिक साम्राज्यों का विकास : भौगोलिक खोजों के उपरांत उपनिवेशों की के रुक्षौपनिवेशिक साम्राज्यों का विकारका और यूरोपीय राष्ट्रों में तोत्र प्रतिस्पद्धां भी

स्थापना चलती रही। इसके फलस्वरूप व्यापार के माध्यम और स्वरूप में भी परिवत्तमनस्वरूप व्यापार के मायह अब संगठित व्यापारिक कंपनियोभाये। व्यक्तियों को लम आरम्भ किया और इसी उद्देश्य से विशेषाधिकार तथा अन्य सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए ये कंपनियाँ प्रयत्नशील हुई। इंग्लैंड, हॉलैंड, स्वीडेन, डेनमार्क, फ्रांस आदि देशों में ऐसी कंपनियाँ स्थापित हुई। इनमें से कुछ कम्पनियाँ व्यापारियों के द्वारा प्रायोजित थे और कुछ राज्य द्वारा। आगे अमेरिका, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य द्वीप समूहों में उपनिवेश एवं बस्तियाँ बसाई गई। प्रारम्

भारत में यूरोपीय कंपनियों की स्थापना पुर्तगालियों का आगमन 1498

अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी-1600

• इच-1602

फ्रांसीसी-1664

डेनिस-1616

• स्वीडिश-1731

में पूर्तगाल और स्पेन उपनिवेश स्थापित करने में अग्रणी रहे परन्तु 16 वीं सदी के अंत तथा वीं सदी के प्रारम्भ में फ्रांस भी शामिल

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !