4) ईसाई धर्म एवं, पश्चिमी सभ्यता का प्रसार : जैसा कि पूर्व में उल्लिखित है कि
भौगोलिक खोजों ने यूरोपीय देशों की सभ्यता, संस्कृति, धर्म एवं साहित्य का प्रचार-प्रसार किया। धर्मयुद्धों की असफलता के कारण ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार जो धीमा पड़ गया था, नये भौगोलिक खोजों ने इसमें प्राण डाल दिये। ईसाई धर्म प्रचारों ने अफ्रिका, एशिया तथा अमेरिका के दुर्गम स्थलों में जाकर अपना धर्म प्रचार किया। परन्तु इसका नकारात्मक प्रभाव यह पड़ा कि इन क्षेत्रों में धन का लालच देकर एवं जबरन धर्मान्तरण एवं सांस्कृतिक अतिक्रमण किया गया और गए इसका विरोध भी हुआ। दूसरी तरफ धर्म के व्यापक प्रसार ने चर्च को प्रभुसत्ता को कम किया। - ने भौगोलिक खोजों के कारण हुई ज्ञान में वृद्धि से तत्कालीन धर्म के विषय में कई प्रश्न उठ खड़े पर हुए। धर्म को भी तर्क की कसौटी पर कसा जाने लगा। जिसने धर्म सुधार आन्दोलन की पृष्ठभूमि का निर्माण किया ।