धातुओं का संक्षारण (Corrosion of Metals

Satyam yadav
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 उत्तर 👉 धातुओं का संक्षारण प्रकृति में होनेवाली एक अवांछनीय प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया धातु की ऊपरी सतह पर होती है। इसके कारण धातु की सतह पर छोटे-छोटे छिद्र बन जाते हैं और धातु की मजबूती घटने लगती है। धातु की अभिक्रिया वायु में उपस्थित ऑक्सीजन एवं जलवाष्प के साथ होने पर यह क्रिया होती है। कुछ धातुओं की सतह पर उनके ऑक्साइडों की परत बन जाती है। ऑक्सीजन के अतिरिक्त वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड या हाइड्रोजन सल्फाइड आदि भी धातु से अभिक्रिया करके उसे कमजोर बना देते हैं। इससे धातु का धीरे-धीरे क्षय होने लगता है। लोहे के संक्षारण को जंग लगना भी कहते हैं। जंग वस्तुतः फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3) एवं फेरिक हाइड्रॉक्साइड [Fe(OH)3] का सम्मिश्रण है। जंग लगना एक ऑक्सीकरण- अवकरण अभिक्रिया है।


धातु की सतह पर वायु के ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि की अभिक्रिया के फलस्वरूप धातु का क्षय धातु का संक्षारण कहलाता है।

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