उत्तर रक्त या रुधिर के दो मुख्य कार्य हैं-परिवहन एवं ताप नियंत्रण।
(i) रुधिर द्वारा पची भोजन सामग्री (ग्लूकोस, ऐमीनो अम्ल आदि), अन्तःस्रावी एवं उत्सर्जी पदार्थों गैसों (ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड) आदि का परिवहन विभिन्न अंगों में होता है।
(ii) यकृत और पेशियों में जो ताप उत्पन्न होता है, वह रुधिर द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाया जाता है जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित होता है।
(iii) श्वेताणु जीवाणुओं तथा अन्य हानिकारक पदार्थों को नष्ट कर देते हैं।
(iv) प्लेटलेट्स रुधिर को जमाने में मदद करता है।
लसीका के कार्य-
(i) लसीका में मौजूद लिम्फोसाइट्स रोगाणुओं जैसे जीवाणुओं का भक्षण कर उनको नष्ट कर संक्रमण से हमारी सुरक्षा करते हैं।
(ii) यह पोषक पदार्थों का परिवहन करता है।
(iii) लसीका शरीर में असंक्राम्य तंत्र का निर्माण करता है।