वाष्पोत्सर्जन क्या है ? पादपों में इसका महत्व बताएँ।
उत्तर- पादप में पत्तियों की सतह से तथा प्ररोह के अन्य हिस्सों से वातावरण में जल की जलवाष्प के रूप में हानि को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं।
पादपों में वाष्पोत्सर्जन का अत्यधिक महत्व है। इसके प्रमुख लाभ निम्नांकित हैं-
(a) शीतलन प्रभाव- वाष्पन तापमान को कम करता है। इसलिए वाष्पोत्सर्जन कड़ी धूप के दिनों में पादपों के लिए लाभप्रद है।
(b) चूषण बल:- वाष्पोत्सर्जन पादप के शिखर पर चूषण बल उत्पन्न करके रस से ऊपर चढ़ने में मदद करता है। पत्तियों में वाष्पन कोशिका रस को सान्द्र करता है तथा उनका परासरण दाब बढ़ाता है। यह जल को नीचे स्तर की कोशिकाओं से क्रमबद्ध रूप में ऊपर की ओर खींचता है, अतः अन्त में मृदा से जल के परासरण द्वारा अवशोषण में मदद करता है।
(c) जल का वितरण:- क्योंकि पत्तियाँ शाखाओं के शिखरों पर स्थापित होती हैं, अतः पत्तियों की सतह से वाष्पोत्सर्जन, जल को पत्तियों की ओर खींचता है और इस प्रकार पादप शरीर के सभी हिस्सों में जल का वितरण करता है।
(d) धिक्य जल का निकालना:- जड़ें निरन्तर बहुत बड़ी मात्रा में जल का अवशोषण करती हैं। वाष्पोत्सर्जन एक बहुत प्रभावी तरीका है जिसके द्वारा आधिक्य जल निकाला जा सकता है।