अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है ?

Gyanendra Singh
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अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है ?

उत्तर- अलैंगिक जनन में जनक एक ही होता है और उसी का डी.एन.ए, संतति में जाता है। अतः संतति में विभिन्नता तभी आती जब डी.एन.ए. प्रतिकृति में त्रुटियाँ हों जो कि न्यून होती हैं। लैंगिक जनन में दो जनक होते हैं जो कि डी.एन.ए. का एक-एक सेट संतति को प्रदान करते हैं। इससे संतति में भिन्न-भिन्न लक्षणों का समावेश होता है और अलैंगिक जनन से लैंगिक जनन में विविधता अपेक्षाकृत अधिक होती है।

              लैंगिक जनन से उत्पन्न विभिन्नताएँ जीन (डी.एन.ए.) में परिवर्तन के कारण होती हैं। अतः - ये स्थिर होती हैं और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होती है। प्राकृतिक चयन के कारण वही विभिन्नताएँ प्रगति करती हैं जोकि पर्यावरण वरण के अनुकूल हों। अत: समय काल में मौजूदा पीढ़ी अपने पूर्वजों से इतनी भिन्न हो सकती है कि वे उनसे लैंगिक जनन न कर पाए और एक अन्य स्पीशीज के रूप में उभरकर आ जाए तथा जोवों के विकास में सहायक हों।

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