गोलीय दर्पण के संदर्भ में निम्नलिखित को परिभाषित करें।
(i) दर्पण का ध्रुव, (ii) दर्पण का द्वारक, (iii) दर्पण का वक्रता-केन्द्र, (iv) दर्पण की वक्रता-त्रिज्या और (v) दर्पण का प्रधान-अक्ष।
उत्तर: (i) दर्पण का ध्रुव:- गोलीय दर्पण के मध्य-बिंदु को उस दर्पण का ध्रुव कहते है। इसे P से सूचित करते हैं।
(ii) दर्पण का द्वारक:- गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ की वृत्ताकार सीमा रेखा का व्यास उस दर्पण का द्वारक कहलाता है।
(iii) दर्पण का वक्रता-केन्द्रः- गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उस गोले के केन्द्र को दर्पण का वक्रता-केन्द्र कहते है। इसे C से सूचित करते हैं।
(iv) दर्पण की वक्रता-त्रिज्या:- गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उस गोले की त्रिज्या को दर्पण की वक्रता-त्रिज्या कहते है। यह दर्पण के वक्रता-केन्द्र
(C ) और ध्रुव (P) के बीच की दूरी होती है।
(v) दर्पण का प्रधान-अक्ष:- गोलीय दर्पण के वक्रता- केन्द्र (C) और ध्रुव (P) को मिलाने वाली सरल रेखा को दर्पण का प्रधान-अक्ष या मुख्य-अक्ष कहते है।