विद्यत जनित्र का सिद्धांत लिखिए।
उत्तर- विद्यत जनित्र का सिद्धांत विद्यत चुंबकीय प्रेरण पर आधारित है। जब किसी कुण्ड्लौ को तीव्र चुंबकीय क्षेत्र में घमाया जाता है तो कण्ड्ली से संबंधित चंबकीय बले रेवाओं की संख्या में परिवर्तन होता है जिसके फलस्वरूप कुण्डली में प्रेरित धारा प्रवाहित होने लगती हैं। धारा की दिशा फैराडे के दाहिने हाथ के नियम से ज्ञात की जा सकती है।
