चंबक के निकट लाने परे दिक्सूचक की सूई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?

Anonymous
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 चंबक के निकट लाने परे दिक्सूचक की सूई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?


 उत्तर- दिक्सचक की सूई एक छोटी छड् चम्बक होर्ती है, जिसके दोनों सिरे उत्तर और दक्षिण दिशाओं की ओर सक्त करते हैं। चंकू. के विपरीत सिरे एक-दूसरे को को आकृर्षित क्रेते हैं और इसी कारण समान समा त्रेि विकर्षित करते हैं। किसी चंबक के निकट लाने पर उसका चुंबकीय बूल चुंबकीय सूई के ध्रुवों पर बल लगाता है और इसीलिए दिक्सचके की सई विक्षेपित हो जाती है। उसका उत्तरी सिरा चंबक के दक्षिणी सिरे की तरफ तूथा दक्षिणी सिरा उत्तरी सिरे की

 ओर घूम जाता है।

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