रासायनिक समीकरणों को संतुलित करना

Satyam yadav
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उत्तर⇒पहले बताया जा चुका है कि संतुलित रासायनिक समीकरण में

तीर-चिह्न (→) के बाएँ और दाएँ, दोनों और प्रत्येक प्रकार के

परमाणुओं की संख्या समान होती है। अतः, रासायनिक समीकरण का संतुलन द्रव्यमान की अनश्वरता के नियम पर आधारित होता है जिसके अनुसार, सामान्य रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थ का न तो निर्माण होता है और न उसका नाश हो। दूसरे शब्दों में, परमाणु अपना साथी (partner) बदलकर अन्य पदार्थ बना सकते है. किंतु परमाणु विलुप्त नहीं होते तथा किसी नए परमाणु का निर्माण भी नहीं होता है, अर्थात किसी रासायनिक अभिक्रिया में परमाणु संरक्षित (conserved) रहते हैं।


रासायनिक समीकरणों को संतुलित करने में निम्नांकित दो बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है-


(1) अभिक्रिया से संबद्ध प्रत्येक पदार्थ के सूत्र/संकेत ज्ञात होने चाहिए।


(2) बायीं ओर के सूत्रों के अधोलिखित (subscripts) के अंक समीकरण को संतुलित करने के क्रम में परिवर्तित हो सकले है।

है, जिसे अनुयारात अतुल विधि (balancing by रासायनिक समीकरणों को संतुलित करने की एक सरल विधि hit-and-trial method) कहते हैं।

अनुमान द्वारा समुलर निधि (Balancing by hit-and-trial method) इस विधि में समीकरण से संबद्ध पदार्थों के संकेत और सूत्र के ठीक पहले आवश्यक गुणक (coefficients) प्रयोग किया जाता है। गुणक का चयन इस प्रकार से करते हैं कि समीकरण के तीर-चिह्न (9) के दोनों ओर प्रत्येक प्रकार के परमाणुओं की संख्या समान हो जाए।

उदाहरण 1. समीकरणा Mg + HCl MgCl + H को संतुलित

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