उत्तर- एककोशिकीय पौधे यथा-क्लैमाइडोमोनास, युग्लीना एवं सरल बहुकोशिकीय शैवालों में पदार्थों का परिवहन विसरण द्वारा होता है। किन्तु जटिल बहुकोशिकीय पौधों में जल एवं खाद्य-पदार्थों के परिवहन के लिए एक खास परिवहन तंत्र होता है। इस पौधे में जाइलम एवं फ्लोएम विशिष्ट परिवहन ऊतक है। ये लम्बी-लम्बी नलिकाओं के रूप में होती हैं। ये ऊतक जड़ से तना एवं पत्तियों तक फैले होते हैं। पत्तियों में ये शिराएँ एवं उनकी शाखाओं के रूप में देखी जा सकती हैं। जल एवं खनिज लवणों को जड़ द्वारा खींचे जाते हैं तथा जाइलम पत्तियों तक पहुँचाते हैं। प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थ को फ्लोएम ऊतक विभिन्न अंगों को पहुँचा देता है। इस प्रकार बड़े जटिल वृक्षों में विभिन्न ऊँचाइयों तक जल का संवहन होता है। जाइलम को जल संवाहक ऊतक भी कहा जाता है। इसमें पायी जाने वाली वाहिकाएँ एवं वाहिनिकाएँ मुख्य रूप से जल एवं खनिज पदार्थों को ऊँचाइयों तक पहुँचाते हैं।

