उत्तर-अस्थि- अस्थि के मैट्रिक्स में कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के फॉस्फेट तथा कार्बोनेट होते हैं। अस्थियाँ उपास्थियों की अपेक्षा कठोर होती हैं जो कंकाल का निर्माण करके उसे दृढ़ता प्रदान करती है।
उपास्थि- यह कोन्ड्रिन नामक प्रोटीन बना होता है। ये शरीर के कोमल अंगों, जैसे-ना क और कान की संरचना का कार्य करते हैं। यह लचीला तथा मुलायम होता है। इसका मैट्रिक्स अर्द्धठोस होता है। शार्क मछली का पूरा कंकाल उपास्थि का बना होता है।
कंडरा- यह लचीला उत्तक होता है। यह उत्तक अस्थि से जोड़ों को मजबूती प्रदान करता है। यह अस्थियों को उनकी सही स्थिति में रखता है।
स्नायु- स्नायु तन्तुमय संयोजी उत्तक होता है। इसके तंतु रेशे के समान होते हैं। यह बंडल के रूप में होता है। यह अस्थि को अस्थि से जोड़ने का कार्य करता है।