उत्तर:- पित्त यकृत ग्रंथि से स्रावित होने वाला द्रव्य है जो छोटी आंत में भोजन के पाचन में मदद करता है।
मनुष्य के पाचन क्रिया में इसका नृत्य महत्व है
- पित्त आमाशय से ग्रहणी में आए अम्लीय काइम की अम्लीयता को नष्ट कर उसे क्षारीय बना देता है ताकि अग्न्याशयी रस के एंजाइम उस पर क्रिया कर सके।
- पित्त भोजन में बसा के बड़े कण को सूक्ष्म कण में तोड़ने में मदद करता है,ताकि लाइपेज एंजाइम उसे पर क्रिया कर वसा अम्ल एवं ग्लिसराल में परिवर्तन कर सके। इस प्रकार वास के पाचन में पीठ का महत्व है।

