मानव विकास के बारे में संक्षिप्त विवरण दें।

Gyanendra Singh
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उत्तर- इस धरती पर मानव के रंग-रूप एवं आकृति में अत्यधिक विविधताएँ दृष्टिगोचर होती हैं। आम तौर पर त्वचा का रंग इस प्रकार की प्रजाति के निर्धारण के लिए प्रयुक्त किया जाता था। मानव का उद्भव स्थान मूलरूप से अफ्रीका है। इस बात का प्रमाण हमें संसार के विभिन्न  भागों से प्राप्त मानवों के जीवाश्म तथा वर्तमान मानव आबादी के DNA में पाए जानेवाले उत्परिवर्तनों के अध्ययन से ज्ञात होता है। आधुनिक मानव के प्राचीनतम जीवाश्म अफ्रीका के इथियोपिया नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। कुछ हजार वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों ने अफ्रीका छोड़ दिया जबकि कुछ वहीं रह गए। वहाँ के मूल निवासी पूरे अफ्रीका में फैल गए जबकि उत्प्रवासी धीरे-धीरे वहाँ से समूचे संसार में फैल गए। वहाँ से वे पश्चिमी एशिया, मध्य एशिया, यूरेशिया , दक्षिणी एशिया तथा पूर्वी एशिया में प्रवजनित हुए। उन मानवों का एक समूह उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका में फैल गया। कुछ मानवों ने इंडोनेशिया के द्वीपों तथा फिलीपींस से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर किया। वे विभिन्न समूहों में कभी आगे तथा कभी पीछे गए। समूह कई बार परस्पर विलग हो गए। कभी-कभी अलग होकर विभिन्न दिशाओं में आगे बढ़ गए जबकि कुछ वापस आकर परस्पर मिल गए। इस तरह सभी दिशाओं में मानव का प्रवजन हुआ। वर्तमान समय में सभी मानवों के जीन कोश एक समान होने के कारण सभी मानव एक ही प्रजाति 'होमो सैपियंस' (Homo sapiens) कहलाते हैं। हालाँकि विभिन्न क्षेत्रों के मानवों के गुणों की तुलना करने पर उनमें कई प्रकार की व्यक्तिगत विभिन्नताएँ (त्वचा तथा बालों के रंग, शरीर की लंबाई एवं गठन आदि) पाई जाती हैं।

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