रेखित, अरेखित एवं कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।

Gyanendra Singh
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 उत्तर:

                  रेखित (कंकालीय पेशी)

1. दीर्घ, बेलनाकार तथा अशाखित।

2. बहुकेंद्रकीय, परिधीय केंद्रक।

3. गहरे तथा हल्के रंग की पट्टिकायें।

4. ऐच्छिक संकुचन तेजी से थोड़े समय के लिए। जल्दी ही थकान महसूस करती हैं।

5. ये कंकाल से जुड़ी हुई होती है जिसे सिर, हाथ, पैर, जीभ तथा फैरेग्स।

6. पेशीयोल पतला तथा मजबूत होता है।

7. यह कंकाल तंत्र अथवा अस्थियों से जुड़ी होती हैं।

                          अरेखित पेशी


1. छोटी तुकुआकार तथा नुकीली सिरे।

2. एक केंद्रकीय तथा केंद्रक बीच में स्थापित।

3. पट्टिकायें नहीं होती हैं।

4. संकुचन धीरे-धीरे होता है, परंतु लंबे काल तक एवं पेशी को थकान का अनुभव नहीं होता।

5. ये शरीर में अंगों की दीवारों में पायी जाती हैं।

6. पेशीयोल नहीं होता है।

7. यह शरीर के खोखले अंगों जैसे अमाशय आदि में पायी जाती हैं।

                              हृद पेशी

1. छोटी बेलनाकार व चपटे सिरे।

2. एक केंद्रकीय तथा केंद्रक बीच में।

3. पट्टिकायें उपस्थित।

4. ये तेजी से संकुचित होती हैं तथा स्वत: ही निरंतर एक ही लय मेंबिना थके फैलती तथा सिकुड़ती रहती है।

5. ये हृदय का मायोकार्डियम बनाती हैं।

6. पेशीयोल पतला होता है।

7. यह केवल हृदय में पायी जाती है।

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